ख़बर मंत्रा, एक कोशिश है, देश के आम लोगों की आवाज़ बनने की, यह एक कोशिश है, निष्पक्ष पत्रकारिता करने की, यह एक कोशिश है सच बोलने की, और यह सारी कोशिशें इसलिए, क्योंकि आज मुख्यधारा की ज़्यादातर मीडिया पर पक्षपात का खुला आरोप लग रहा है।
आज की मीडिया को जो देखना चाहिए वो नहीं देखती, जो कहना चाहिए वो नहीं कहती, बल्कि जो नहीं कहना चाहिए, वो चीख चीख कर कहती है। आज की मीडिया, जिसकी आँखें खुली हो कर भी बंद लगती हैं, मुँह खुले तो हैं, लेकिन वो सच की जगह, झूठ और अपशब्द बोलते हैं।
आज की मुख्यधारा की मीडिया के बारे में कहा जाता है कि मीडिया लोभ में है, मीडिया किसी की गोद में है, मीडिया किसी की भक्ति में है, और इन सभी वजहों से आम लोग, निराश एवं दुखी हैं।
ऐसे में हमारी कोशिश है, इन्हीं लोगों की आवाज़ बनने की, इनकी समस्याओं पर चर्चा और ख़बर करने की, इनमें दोबारा से मीडिया के प्रति वही सम्मान और भरोसा पैदा करने की।
आज मीडिया की गिरती हुई साख को देख कर हमने सोचा कि “सच की आवाज़” कहीं से तो उठनी चाहिए। यह सिलसिला कहीं से तो शुरू होना चाहिए। किसी को तो लोभ, लालच और डर से दूर रहना होगा, किसी को तो हिम्मत दिखानी होगी, किसी को तो “सच की आवाज़” बननी होगी।
आज भी कुछ पत्रकार ऐसे हैं जो हवा के विपरीत जा कर भी सच बोलने और दिखाने की हिम्मत रखते हैं। सिर्फ़ ज़रूरत है, आपके विश्वास और साथ की।
सच बताना हमारा कर्तव्य है और सच जानना, आपका हक़ भी। तो आइये,“सच की आवाज़” बुलंद करें, “ख़बर मंत्रा” के साथ।