भोपाल: एक तरफ कोरोनावायरस की दूसरी लहर का असर कम हो रहा है तो वहीं, दूसरी तरफ तीसरी लहर का आना बाकी है। लेकिन तीसरी लहर के आने से पहले डेल्टा प्लस वैरिएंट ने दस्तक दे दी है। देश के कुछ राज्यों में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आए है जिससे स्थिति बिगड़ती नज़र आ रही है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और पंजाब में डेल्टा प्लस वैरिएंट के केस दर्ज किए गए है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में इस वैरिएंट के कारण एक की मौत भी हुई है।
पंजाब में दूसरी लहर का प्रभाव काफी कम हो गया है और इस कारण लोगों को काफी राहत मिली थी, लेकिन इसी दौरान पंजाब में डेल्टा प्लस वैरिएंट के आगमन ने लोगों की चिंता फिर बढ़ा दी है। दरअसल पंजाब में डेल्टा प्लस वैरिएंट का एक मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए कई सैंपल भी भेजे गए हैं। वहीं मध्यप्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के कारण एक की मृत्य भी हो गई है। जानकारी के मुताबिक उज्जैन में एक महिला की इस वैरिएंट से मौत हो गई है। मध्यप्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के अब तक 7 मामले सामने आ चुके हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि इस वैरिएंट से अभी तक एक मौत हुई है। बाकी के मामलों पर सरकार की नज़र बनी हुई है। बता दें कि मध्यप्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के भोपाल से तीन, उज्जैन से दो, रायसेन से एक और अशोक नगर से एक मामला दर्ज किया गया है।
मध्यप्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के बढ़ते प्रकोप के कारण सरकार ने भोपाल में जल्द ही जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन लगाए जाने की बात कही है। मध्य प्रदेश में अब तक जीनोम सिक्वेंसिंग की मशीन नहीं लगाई गई है इसलिए राज्य से सभी सैंपल जांच के लिए दिल्ली या पुणे भेजे जा रहे हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए दिल्ली और पुणे भेजे जा रहे सैंपल की रिपोर्ट आने में 20 दिन से अधिक समय लग रहा है। इसलिए संक्रमित व्यक्ति के बारे में जानकारी भी देर से मिल रही है और इसके अतिरिक्त कांटेक्ट ट्रेसिंग में भी काफी समय लगता है। इन कारणों से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है।
मंत्री सारंग ने आगे कहा कि जितने भी सैंपल अब तक NCDC भेजे गए है अभी तक उनकी रिपोर्ट नहीं आई है। इसलिए सरकार ने मध्यप्रदेश के सैंपलों की जांच के लिए भोपाल में जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन लगाने का निर्णय लिया है। इससे सैंपलों को बाहर भेजने की नौबत नहीं रहेगी और समय भी बचेगा। जिस रिपोर्ट में 20-25 दिन का समय लग रहा है वो एक हफ्ते में आ जायेगी।
मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट का असर देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र के रत्नागिरी से डेल्टा वैरिएंट के 9 मामले सामने आए हैं, हालांकि यह मामले लक्षण रहित हैं। रत्नागिरी के डीएम लक्ष्मी नारायण मिश्रा ने कहा कि जिले की संगमेश्वर तहसील में डेल्टा वैरिएंट के केस दर्ज किए गए हैं और इसलिए चार गांवों को कंटेनमेंट ज़ोन की श्रेणी में डाल दिया गया है। इलाके से RT-PCR के 6 हज़ार टेस्ट करवाये गए थे जिनमें से 141 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं डेल्टा प्लस वैरिएंट के भी 9 मामले सामने आए। जानकारी हो कि पूरे महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस के अब तक लगभग 2 दर्जन मामले दर्ज किए जा चुके है। मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। इसके मद्देनजर टास्क फोर्स ने राज्य को चेतावनी दी है कि अगले दो से तीन हफ़्तों में कोरोना की तीसरी लहर का प्रवेश हो सकता है।
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