11 अगस्त 2022 का दिन बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ गया, भाजपा-जदयू के गठबंधन में चल रही नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार अचानक से धड़ाम हो गई और लम्बे समय से सरकार में वापसी का इंतज़ार कर रहे महागठबंधन दलों की सरकार सत्ता तक पहुँच गई। सरकार के मुखिया वही रहे यानी मुख्य मंत्री नीतीश कुमार बरक़रार रहे हाँ उप मुख्यमंत्री ज़रूर बदल दिए गए। जहाँ एनडीए की सरकार में तारकिशोर प्रसाद और रेनू देवी 2 उपमुख्यमंत्री हुआ करते थे वहीँ नई सरकार में तेजस्वी यादव इकलौते उपमुख्यमंत्री होंगे।
अब ज़रा एक नज़र बिहार में हुई सरकार के फेर बदल पर जहाँ पूरी सत्ता बदल गई लेकिन कोई शोर शराबा तक नहीं हुआ। चंद घंटों में सरकार की शकल बदल गई और विधायकों को लेकर कोई हलचल तक नहीं देखी गई। किसी भी दल को अपने विधायकों के टूटने न डर था न ही कोई चिंता। या यूँ कहें की न उड़न खटोला की जरूरत पड़ी, और ना ही किसी पांच सितारा होटल में रुकवाकर विधायकों पर कड़ा पहरा लगाने की और बस बदल गई बिहार में सरकार। यानी बिना कुछ खर्च किये महागठबंधन को मिल गया सत्ता का सुख।
अब ज़रा याद करें बीते कुछ समय में देश के विभिन्न राज्यों में सत्ता बदलने की तस्वीरों पर। पूरा देश टकटकी लगाए कई दिनों तक खबरिया चैनलों के सामने बैठा होता था, सिर्फ इस इंतज़ार में कि जाने कब क्या हो जाये। ताज़ा मामला महाराष्ट्र का ही ले लें, जब हफ़्तों तक विधायकों को कड़ी सुरक्षा में रखना पड़ रहा था।
शिवसेना के बाग़ी विधायक तीन राज्यों में सफर करने के बाद लौट कर महाराष्ट्र आये और फिर आखिरकार सरकार बना पाए। गुजरात से शुरू हुआ इन विधायकों का हवाई सफर असम होते हुए गोवा तक पहुंचा जहाँ नाचते झूमते विधायकों को पुरे देश ने देखा। क्यों न वह नाचें जब उन्हें मुफ्त में न सिर्फ हवाई सफर का मज़ा मिल रहा था।
बल्कि पांच सितारा होटलों में मनपसंद खाने पीने की भी कोई कमी नहीं रही। इन विधायकों का सफर गोवा के बाद महाराष्ट्र में वापस आकर ख़तम हुआ और वो उद्धव ठाकरे को सरकार से बेदखल कर नई सरकार बना कर मज़े लेते दिखे। इस पुरे तमाशा के दौरान करोड़ों रूपये वारे न्यारे हो गए लेकिन शर्त थी की उद्धव की सरकार को सत्ता से बाहर कर एकनाथ शिंदे को कुर्सी पर बैठाना है।
बीते 6 सालों में देश के 4 राज्यों से विधायकों को एयरलिफ्ट करने की तस्वीरें आई थीं। इस दौरान ट्रेलर, क्लाईमेक्स और सस्पेंस ने सभी को बांधे रखा। देश जानना चाहता था कि आगे क्या होगा। सभी के ज़हन में एक ही सवाल होता था कि सरकार बचेगी या जाएगी। महाराष्ट्र से पहले भी मध्यप्रदेश, कर्नाटक और गोवा में चलती हुई सरकारें गिरी और भाजपा ने अपनी नई सरकार बनाई।
इन सभी राज्यों में विधायकों को एयरलिफ्ट करके एक जगह से दूसरी जगह ले जाय गया। महंगे होटलों में ठहराया गया। विधायकों की निगरानी और सुरक्षा के लिए होटलों के बाहर कड़ा सुरक्षा पहरा लगाया गया। इन सभी मामलों में बड़े पैमाने पर विधयकों के खरीद-फरोख्त के आरोप भी लगे।
लेकिन ये तो अपना बिहार है जिसने हमेशा की तरह इस बार भी पूरे देश को चौंका दिया। बिना कुछ खर्च किये नीतीश कुमार ने न सिर्फ ऑपरेशन लोटस की उमीदों और कोशिशों पर पानी फेरा बल्कि सभी विधायकों का भरोसा और प्यार भी जीता।
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