नई दिल्ली: किसान संगठनों और सरकार के बीच 10वें दौर की बुधवार को हुई बातचीत के बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार एक या डेढ़ साल तक कृषि सुधार कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित करने पर सहमत है और इस दौरान किसान और सरकारी प्रतिनिधि मिलकर समस्याओं का हल खोजें और जो भी समाधान निकलें उन्हें आगे बढ़ाया जाए। नरेन्द्र सिंह तोमर ने संवाददाताओं से कहा कि इस प्रस्ताव पर सहमति बनने के बाद अन्य बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया जायेगा। जिस दिन आंदोलन समाप्त हो जाएगा और किसान अपने-अपने घरों की ओर प्रस्थान कर जाएंगे, उस दिन देश के लोकतंत्र की जीत होगी। व्यक्तियों की जीत का कोई महत्व नहीं है। उच्चतम न्यायालय के प्रति केंद्र सरकार हमेशा प्रतिबद्ध है। अदालत ने जो समिति बनाई है, वह अपना काम कर रही है।
नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि बुधवार की बैठक बहुत महत्वपूर्ण रही। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व को देखते हुए गुरु गोबिंद सिंह जी का स्मरण करके बैठक प्रारंभ हुई। किसान संगठन पहले की तरह कानून वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े रहे और सरकार खुले मन और बड़े दिल से प्रावधान के अनुसार कानून पर विचार करने और संशोधन करने के लिए तैयार थी। हर तरफ से विचार आए और चर्चा के कई दौर हुए।
उन्होंने कहा कि यह गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व का प्रभाव है कि किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को गंभीरता से लिया और इस पर विचार-विमर्श करने और 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे दोबारा बैठक करने और किसानों के निर्णय से अवगत कराने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि बातचीत सार्थकता की ओर बढ़ रही है और संभावना व्यक्त की जा सकती है कि 22 तारीख को हम समाधान की ओर बढ़ सकें।’
नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि आज का दिन गुरु गोबिंद सिंह जी को समर्पित है। इस पावन प्रकाश पर्व पर कोई हल निकल आए यह सरकार की इच्छा थी, इसलिए हमने सरकार की ओर से किसान संगठन को यह प्रस्ताव दिया कि उनकी सभी शंकाओं के हल के लिए सरकार खुले मन से विचार करने के लिए तैयार है। किसानों ने बैठक के दौरान कहा कि सरकार NIA का इस्तेमाल कर के आंदोलनकारी किसानों को टारगेट कर रही है। दूसरी ओर सरकार ने कहा जो लोग निर्दोष हैं उनकी सूची बना के दी जाए सरकार देख लेगी।
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