कई दिनों से चली आ रही खींचतान के बाद आखिरकार आज भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) और नीतीश कुमार की जनता दल -युनाइटेड (Janata Dal United) के बीच सम्बन्ध ख़त्म हो गया, यानी बिहार में दोनों दलों का गठबंधन अब टूट चूका है। जिसके बाद अब एनडीए की सरकार भी धराशाई होने पर मुहर लग गई।
पार्टी विधायकों और सांसदों के साथ आज बैठक के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया। इसके साथ ही नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार में महागठबंधन का हिस्सा होंगे। नीतीश अब दोबारा से महागठबंधन के साथ बिहार में नई सरकार बनाने की ओर अग्रसर हैं। इस नई सरकार के भी मुखिया नीतीश ही होंगे, यानी नीतीश 8वीं बार बिहार के मुख्य मंत्री बनेंगे, जबकि राजद नेता तेजस्वी यादव दोबारा से उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
आज ही 4 बजे नीतीश, राज्यपाल से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौपेंगे, इस दौरान उनके साथ राजद नेता तेजस्वी यादव (RJD Leader Tejashwi Yadav) भी मौजूद रहेंगे। आज ही नीतीश राज्य्पाल के सामने नई सरकार बनाने का दावा भी पेश करेंगे। तेजस्वी के नेतृत्व में कांग्रेस समेत महागठबंधन के सभी दलों ने नीतीश समर्थन देने का भी फैसला किया है।
एनडीए (NDA) से बाहर आने का फैसला करने से पहले CM नीतीश कुमार ने आज अपनी पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं के इलावा सभी सांसदों और विधायकों के साथ बैठक की। इस बैठक में नीतीश ने भाजपा पर उनकी पार्टी को ख़त्म करने का प्रयास का आरोप लगाया। नीतीश ने कहा की साज़िश के तहत भाजपा के द्वारा उनकी पार्टी को न सिर्फ कमज़ोर किया जा रहा था, बल्कि पूरी पार्टी को ही ख़तम करने की भी कोशिश हो रही थी।
नीतीश कुमार का मानना था कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह लगातार JDU को विभाजित करने के लिए काम कर रहे हैं। नीतीश ने अपनी पार्टी के पूर्व नेता RCP सिंह पर अमित शाह के मोहरे के रूप में काम करने का भी आरोप लगाया था। नीतीश ने कहा की वो किसी भी क़ीमत पर अपनी पार्टी का सर्वविनाश होते नहीं देख सकते।
नीतीश की सहमति के बिना RCP ने अपनी मर्जी से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का फैसला किया था और नीतीश को बताया था कि अमित शाह ने कहा था कि JDU के प्रतिनिधि के तौर पर अकेले वे ही स्वीकार्य हैं। इस खुलासे के बाद पार्टी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष लल्लन सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, “क्या अमित शाह हमारी पार्टी के मामलों पर फैसला करेंगे, क्या भाजपा फैसला करेगी कि जदयू कोटे से मंत्री कौन होगा ?” इसके इलावा भी जदयू ने भाजपा पर पार्टी को तोड़ने का प्रयास करने का भी बड़ा आरोप लगाया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार जदयू के विधायकों को कई तरह के प्रलोभन भी दिए जा रहे थे, लेकिन पार्टी विधायक पूरी तरह से एकजुट रहे और नीतीश कुमार के साथ मज़बूती से खड़े रहे।
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