जनता दल यूनाइटेड (Janata Dal United) के नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने आज 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री (Chief Minister Bihar) पद की शपथ ग्रहण की, जबकि राजद नेता तेजस्वी यादव (RJD Leader Tejashwi Yadav) ने एक बार फिर बिहार के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राज्यपाल फागु चौहान (Governor Phagu Chauhan) ने दोनों नेताओं को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राजभवन (Governor House) में आयोजित एक सादे समारोह में इस मौके पर राजद की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Former Chief Minister Rabri Devi) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (jeetan Ram Manjhi) समेत राज्य के कई कद्दावर नेता मौजूद रहे। इसके इलावा राजद नेता और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) और तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री यादव (Rajshri Yadav) भी समारोह में मौजूद रही।
बिहार में भारतीय जनता पार्टी से मतभेद होने के बाद नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़ कर 7 दलों के ‘महागठबंधन’ के साथ जाने का फैसला किया था। नीतीश कुमार को राजद, कांग्रेस समेत महागठबंधन की सभी पार्टियों का समर्थन प्राप्त हुआ है साथ हम के भी 4 विधायक नीतीश सरकार का समर्थन कर रहे हैं। कुल 164 विधायकों के समर्थन से नीतीश कुमार 8वीं बार आज राज्य की सत्ता पर फिर से आसीन हुए हैं।
बिहार विधानसभा में वर्तमान में 242 सदस्य हैं और बहुमत का जादुई आंकड़ा 122 है, जिसको नीतीश ने बड़ी आसानी से हासिल कर लिया है।
एनडीए से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर राज्य में महागठबंधन के समर्थन से नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था। जिसके बाद राज्यपाल ने शपथ ग्रहण के लिए आज दोपहर 2 बजे का समय निर्धारित किया था।
45 विधायकों वाली जदयू को एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन मिला हुआ है जबकि राजद के पास 79 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 19 तथा भाकपा-माले के 12 विधायक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दो-दो विधायकों ने भी नीतीश कुमार को बिना शर्त समर्थन देने का पत्र दिया है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्च के चार विधायक भी नीतीश के साथ हैं।
मंगलवार को नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के विधायकों के साथ बैठक में गंभीर आरोप लगाया था कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह लगातार जदयू को विभाजित करने के लिए काम कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के पूर्व नेता आरसीपी सिंह पर अमित शाह के मोहरे के रूप में काम करने का भी आरोप लगाया था। इसके बाद पार्टी विधायकों, सांसदों और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने एक सुर में नीतीश कुमार को एनडीए से नाता तोड़ने की सलाह दी थी।
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