चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) अगले 3-4 महीने में बिहार के चम्पारण से 3 हज़ार किलोमीटर की पदयात्रा पर निकलेंगे। PK का मानना है की बिहार की जनता बदलाव चाहती है और बिहार की जनता बदलाव और नई सोंच के पक्ष में दिखती है।
प्रशांत किशोर ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बात करते हुए ये बातें कही और साफ संकेत दिए कि वे राजनीती में जल्द एंट्री करेंगे। हालांकि PK पहले भी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जदयू में भी शामिल हुए थे लेकिन, जदयू में नेताओं ने उन्हें ज़्यादा तवज्जोह नहीं दिया और आखिरकार उन्हें जदयू से बाहर आना पड़ा।
इसके बाद पीके ने ममता की तृणमूल (TMC) और कांग्रेस (congress Party) का भी दरवाज़ा खटखटाया लेकिन वहाँ भी बात नहीं बनी। कल राजद प्रमुख लालू यादव (RJD Supremo Lalu Yadav) ने भी पीके के राजनीती में आने के सवाल पर कहा की वो देश भर का भ्रमण कर चुके हैं कहीं उन्हकी दाल नहीं गली तो अब वापस बिहार का रुख किया अब उन्हें बिहार में भी मालूम हो जायेगा कि राजनीती करना इतना आसान है।
बिहार में बदलाव और नई सोच की जरूरत है। उन्होंने किसी पार्टी का ऐलान नहीं किया, लेकिन अपना प्लान बताया। कहा कि पिछले कुछ दिनों में समाज के हर तबके से बात हुई है। वह बिहार में नई सोच, बदलाव और सुराज का हिमायती है।
पीके बोले कि वे अगले 3-4 महीनों में 3 हजार किलोमीटर पदयात्रा करेंगे। इसकी शुरुआत चंपारण से होगी। करीब 17 हजार लोगों से बात करेंगे। अगर ज्यादातर लोग सुराज और नई सोच के पक्ष में रहते हैं और किसी राजनीतिक पार्टी के ऐलान की जरूरत पड़ती है तो उसका ऐलान भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये पार्टी प्रशांत किशोर की नहीं होगी।
आज मीडिया से बात करते हुए पीके ने कहा, ‘पिछले 3 दशक से बिहार में लालू-नीतीश का शासन रहा है। पहले 15 साल लालू यादव और अभी पिछले करीब 15 साल से नीतीश कुमार बिहार पर राज कर रहे हैं हैं। लालू जी और उनके समर्थकों का मानना है कि 15 साल के शासन में सामाजिक न्याय का शासन चला। आर्थिक और सामाजिक रूप से जो पिछड़े थे लोगों को सरकार ने आवाज दी। नीतीश समर्थकों का मानना है कि उनकी सरकार ने आर्थिक विकास और दूसरी सामाजिक पहलुओं पर ध्यान दिया है और विकास किया है।’
PK ने स्वीकारा की दोनों ही बातों में कुछ सच्चाई ज़रूर है, लेकिन इस बात में भी सच्चाई है कि लालू-नीतीश के 30 साल के शासन के बाद भी बिहार आज भी देश का सबसे पिछड़ा और सबसे गरीब राज्य है। विकास के ज्यादातर मानकों पर बिहार आज भी सबसे पिछड़ा हुआ है। पीके ने कहा कि ‘मैंने पिछले दिनों समाज के हर तबके से बात की है। करीब 150 लोगों से मेरी चर्चा हुई। इनमें से ज्यादातर चाहते हैं कि बिहार में नई सोच और बदलाव आए।
पीके ने कहा कि अगले 3-4 महीनों में बिहार के करीब 17 हजार लोगों से सुराज और नई सोच के बारे में बात करूंगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो किसी पॉलिटिकल पार्टी का ऐलान भी किया जाएगा।’ ‘अगर राजनीतिक पार्टी का ऐलान हुआ तो वह PK की पार्टी नहीं होगी। वह उन लोगों की पार्टी होगी, जो बिहार में बदलाव, सुराज और नई सोच की बात का समर्थन करते हैं।
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