राजस्थान विधानसभा चुनाव इस साल होने वाले हैं जिसके लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी और विपक्षी भाजपा दोनों ने कमर कसना शुरू कर दिया है। भाजपा आलाकमान का पूरा फोकस फिलहाल पार्टी के अंदर चल रही खींचतान को ख़त्म करने पर है ताकि राजस्थान विधानसभा चुनाव में इसका खामियाज़ा न भुगतना पड़े।
हाल ही में भाजपा द्वारा वरिष्ठ नेता सीपी जोशी को प्रदेशाध्यक्ष, राजेंद्र राठौड़ को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सतीश पूनिया को उपनेता प्रतिपक्ष के पद पर बैठाना भाजपा की इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। भाजपा के इन तीनो दिग्गज नेताओं की महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति से पार्टी ने बहुत हद तक अंदरूनी कलह को निपटाने का प्रयास किया है।
बावजूद इसके भाजपा हाईकमान के लिए राज्य में अब भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंदिया एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। खबर है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व चुनाव से पहले वसुंधरा राजे को कोई बड़ी ज़िम्मेदारी दे सकता है ताकि वसुंधरा राजे को भी एक बार फिर पूरी तरह से पार्टी के लिए लगाया जा सके।
राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले अगर वसुंधरा राजे को भाजपा नहीं मना पाती है तो उसको मालूम है उसके लिए ये राह आसान नहीं होगी। राज्य में वसुंधरा राजे के दमदार प्रभाव को देखते हुए भाजपा उन्हें चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष का महत्वपूर्ण पद दे सकती है। हालांकि पार्टी में वसुंधरा के भविष्य के रोल पर अंतिम निर्णय अगले 10-15 दिनों में आने की संभावना है। वसुंधरा को महत्वपूर्ण पद देकर पार्टी उन्हें राजस्थान विधानसभा चुनाव में पूरी तरह से सक्रीय देखना चाहती है, ताकि उनके अनुभव और राज्य में उनके प्रभाव का फायदा उठाया जा सके।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे के प्रभाव का फायदा उठाना चाहती है भाजपा
वसुंधरा खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कराना चाहती हैं, हालांकि पार्टी अभी इस मूड में नहीं है कि उन्हें या किसी अन्य नेता को CM पद का उमीदवार बता कर चुनावी समर में उतरे। पार्टी CM पद के दावेदार की घोषणा राजस्थान विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद करना चाहती है, ताकि अभी पार्टी को अंदरूनी गुटबाज़ी का नुकसान न हो सके।
वसुंधरा के इलावा भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को भी पार्टी अहम् भूमिका में देखना चाहती है। राजस्थान विधानसभा चुनाव में ST वर्ग को साधने के लिए पार्टी मीणा को केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बना सकती है। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का भी राजस्थान की राजनीती में ख़ासा प्रभाव माना जाता है। यही वजह है कि चुनाव से पहले पार्टी मीणा को महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी देकर उनके प्रभाव क्षेत्र में वोटरों को साधने की कोशिश में लगी है।
ये भी पढ़ें -:
कोविड-19 का देशभर में कोहराम, 24 घंटे में 40 फीसदी मामले आये सामने
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी को सूरत कोर्ट से भी राहत नहीं मिली और जिसकी वजह से उनके ऊपर गिरफ्तारी की...
ED आज बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव से रेलवे में लैंड फॉर जॉब्स मामले में पूछताछ कर रही है।...
भारतीय जनता पार्टी (BJP) आज अपना 44वां स्थापना दिवस मना रही है इस मौक़े पर भाजपा देशभर में 10 लाख...
कोविड-19 एक बार फिर देशभर में तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है और अब तक हज़ारों लोगों को अपने...