सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानों के सामूहिक बालात्कार के गुनाहगारों की रिहाई के खिलाफ जनहित याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करने की दोषियों की मांग ख़ारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो बिलकिस की याचिका को मेरिट पर सुनवाई करेगा तथा बिल्क़ीस की याचिका को मुख्य याचिका मानकर सभी पांच याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
दरअसल दोषी पक्ष के वकीलों ने कहा कि सुभाषिनी अली तथा महुआ मोइत्रा समेत पांचों याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं, लेकिन जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा कि खुद पीड़िता बिलकिस भी यहां आई हैं, कोर्ट बिल्क़ीस की याचिका को लीड बनाकर इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। कोर्ट ने कहा कि एक बार जब पीड़िता यहां आ गई है तो लोकस स्टेंडई का मुद्दा खत्म हो जाता है।
सुप्रीम कोर्ट फरवरी के मध्य में गुजरात दंगा मामले में बिलकिस के 11 दोषियों को दी गई उम्रकैद की सजा में समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
याचिकाकर्ता की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि कानून और न्याय हमारे साथ है, लेकिन बरी किए गए सजायाफ्ता लोगों के वकील ने कहा कि मुख्य याचिकाकर्ता की कोई कानूनी भूमिका यानी लोकस नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बनो की वकील को कहा है कि वो एक अर्जी लगाकर रजिस्ट्रार से अपने केस की लिस्टिंग करा लें। गुजरात सरकार हलफनामा दाखिल कर बिल्क़ीस रेप केस के दोषियों की रिहाई को कानून संगत बता चुकी है।
मुंबई में होने वाले महिला प्रीमियर लीग (Women's IPL Auction) के लिए आज हुई नीलामी के साथ ही विभिन्न टीमों...
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के भाजपा (BJP) में जाने को लेकर...
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज संसद भवन के केन्द्रीय हॉल में...
केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने आज 3 राज्यों में विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) की तारीखों का एलान...